Connect with us

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जलवायु लचीलापन व जल स्थिरता पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

उत्तराखंड

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जलवायु लचीलापन व जल स्थिरता पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने आज अंतर्राष्ट्रीय जल विज्ञान संघ (आईएएचएस)की बारहवीं वैज्ञानिक सभा का उद्घाटन किया। इस सभा में दुनिया भर के प्रमुख वैज्ञानिक, शोधकर्ता एवं नीति निर्माता सतत जल संसाधन प्रबंधन, जल विज्ञान संबंधी नवाचारों एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए।

इस सभा में 49 देशों के 627 से अधिक प्रतिभागी और 682 वैज्ञानिक योगदान शामिल हैं, जो इसे आईएएचएस के इतिहास की सबसे बड़ी सभाओं में से एक बनाता है। सप्ताह भर चलने वाला यह कार्यक्रम जल स्थिरता एवं जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक चर्चाओं, कार्यशालाओं व नेटवर्किंग के माध्यम से वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा।

यह भी पढ़ें 👉  ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को स्कॉच अवार्ड–2025 से सम्मानित…

मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य सचिव उत्तराखण्ड, श्री आनंद बर्द्धन ने सत्र का उद्घाटन किया और जल विज्ञान अनुसंधान और इसके सामाजिक अनुप्रयोगों को आगे बढ़ाने में उनके वैश्विक योगदान के लिए आईआईटी रुड़की एवं आईएएचएस की सराहना की। मुख्य सचिव श्री बर्द्धन ने कहा, ष्जल विज्ञान जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान वैश्विक ज्ञान को स्थानीय समाधानों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो समुदायों और नीति निर्माताओं दोनों को सशक्त बनाते हैं।ष्

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने पलटन बाजार देहरादून में आयोजित ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ अभियान का किया नेतृत्व

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन एवं आईआईटी रुड़की कुलगीत के साथ हुई, जिसके बाद प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने अपने संबोधन दिए, जिनमें आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत, आईएएचएस के अध्यक्ष प्रो. साल्वातोरे ग्रिमाल्डी, आईएनएसए के उपाध्यक्ष एवं सीएसआईआर-एनईआईएसटी के निदेशक डॉ. वी.एम. तिवारी, आईएएचएस एसए 2025 के अध्यक्ष प्रो. सुमित सेन तथा संयोजक प्रो. अंकित अग्रवाल शामिल थे।

आईआईटी रुड़की में आयोजित यह आईएएचएस वैज्ञानिक सभा नवाचार, सहयोग एवं ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से वैश्विक जल चुनौतियों के समाधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह जल विज्ञान अनुसंधान एवं सतत जल प्रबंधन में भारत की अग्रणी भूमिका को सुदृढ़ करती है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह छह दिवसीय सभा नए विचारों, दीर्घकालिक साझेदारियों और परिवर्तनकारी नवाचारों को प्रेरित करेगी, जो जल विज्ञान एवं समाज दोनों के लिए सार्थक योगदान देंगी। सत्र के दौरान आईएएचएस वैज्ञानिक सभा 2025 की कार्यवाही का विमोचन भी किया गया, जो एक सप्ताह तक चलने वाले वैज्ञानिक विचार-विमर्श, तकनीकी सत्रों, प्रदर्शनी एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की शुरुआत का प्रतीक है।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून: 79 वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया
Latest News -
Continue Reading

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

VIDEO ADVERTISEMENT

ट्रेंडिंग खबरें

To Top