उत्तराखंड
यूकेडी ने सौंपा गलत तरीके से वेतन काटने पे 108 कैंप को ज्ञापन…
एक तरफ जहां सरकार अच्छी और सस्ती उपचार के लिए नई नई नीतियां और स्कीम का परिचय आयुष्मान इंडिया के माध्यम से करवा रही है वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड, देहरादून में 108 कैंप एंबुलेंस सर्विस के कर्मचारियों का वेतन मनमाने ढंग से कटने से परेशान है । इस मामले मे उत्तराखंड क्रांति दल ने 108 कैंप के मैनेजर प्रदीप बिजल्वाण को ज्ञापन सौंपा और गलत कारणों की निंदा की।
यूकेडी ने 108 के कर्मचारियों और ड्राइवरों की सैलरी ना मिलने पे या फिर से काटने पे उग्र प्रदर्शन करने की और रोड पे उतरने की बात की।
यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि इन कर्मचारियों की वेतन 10-12 हजार है जिसमे से मौके पे टायर का माइलेज ना मिलने पे 5-7 हजार काट दी जाती है जो कि निंदनीय है ।
कर्मचारियों की मासिक वेतन में से टायर घिसाई के नाम पर लगातार कटौती की जा रही है जिसका कारण पूछने पर भी कम्पनी द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया जाता है। एम्बुलेंस मेन्टेन्स का सम्पूर्ण खर्चा कर्मचारियों से लिया जाता है।
कर्मचारियों को मासिक वेतन स्लिप नहीं दी जा रही है जिसके लिए कई बार पत्राचार भी किया गया है
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि टैक्नीकल परेशानी आने पर जब एम्बुलेंस बंद हो जाती है तो कर्मचारियों का वेतन काट दिया जाता है कर्मियों का बहुत अभाव है। कई लोकेशन में दो कर्मचारी है, जिस कारण 18 घण्टे से अधिक ड्यूटी कर्मचारियों द्वारा करवाई जा रही है।
कर्मचारियों का वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा है। लेबर कोर्ट के नियमानुसार साल भर में कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढाई गयी।
यूकेडी के केंद्रीय श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेन्द्र पंत ने कहा कि 11 हजार से ज्यादा किसी भी कर्मचारियों की मासिक सैलरी नहीं है जबकि 4 साल से कर्मचारी कार्यरत है। अपनी बात रखने पर कम्पनी जॉब से निकलने या दूसरी जगह पटकने की धमकी देती है।
लोकेसन कंडीसौड़ में एक महीने से बंद पड़ी है जिसका बजट लिया जा रहा है। जब अधिकारियों को पता चलता है तो दो-दिन के लिए दूसरी व्यवस्था की जाती है।
उत्तराखंड क्रांति दल के महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि जनता दरवार और सीएम पोर्टल पर अपनी शिकायत देने पर कोई कारवाही नहीं हो रही है। ईष्टवाल ने कहा कि जब से अपनी बात सीएम पोर्टल पर रखी, तब से कर्मचारी को बिना किसी जाँच के निकलाना शुरु कर दिया है। कई लोकेशनो एक चालक द्वारा दिन रात एम्बुलेंस चलायी जा रही है।
108 सेवा के मुख्यालय पर प्रदर्शन करने वालों में शिव प्रसाद सेमवाल अनुपम खत्री, सुलोचना ईष्टवाल, सविता तिवारी, राजेंद्र पंत आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।