Connect with us

हाईकोर्ट ने दिए प्रदेश सरकार को आठ सप्ताह में लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश…

उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने दिए प्रदेश सरकार को आठ सप्ताह में लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश…

उत्तराखंड हाईकोर्ट से बड़ी खबर आ रही है। मंगलवार को लोकायुक्त की नियुक्ति व लोकायुक्त संस्थान को सुचारु रूप से संचालित किए जाने के मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आठ सप्ताह में लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश दिए हैं। साथ ही अनुपालन आख्या कोर्ट में दाखिल करने को कहा है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हल्द्वानी गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी की जनहित याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। बताया जा रहा है कि रवि शंकर जोशी ने लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। जनहित याचिका में कहा गया कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है लेकिन उत्तराखंड में तमाम घोटाले हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  प्रशासन के हाथ जब पंहुचे शिक्षा माफियाओं के कालर तक, तब सुधरने लगा विद्यालयों का फीस स्ट्रक्चर

उन्होंने कहा था कि छोटे से छोटा मामला हाईकोर्ट में लाना पड़ रहा है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि वर्तमान में राज्य की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन हैं, जिसका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनैतिक नेतृत्व के हाथों में है। वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में कोई भी ऐसी जांच एजेंसी नहीं है जिसके पास यह अधिकार हो कि वह बिना शासन की पूर्वानुमति के किसी भी राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत कर सके।

विजिलेंस विभाग भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है, जिसका सम्पूर्ण नियंत्रण पुलिस मुख्यालय, सतर्कता विभाग या मुख्यमंत्री कार्यालय के पास रहता है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार की निष्क्रियता को केंद्रीय अधिनियम, लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 की धारा 63 का उल्लंघन माना है। कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में उल्लेखित तथ्यों का संज्ञान लेते हुए हैरानी जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि जब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक इस संस्था के कोष में से एक नया पैसा भी खर्च नहीं किया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में आज बारिश का येलो अलर्ट, कब पहुंचेगा मानसून?

बता दें इससे पूर्व हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से शपथपत्र के माध्यम से यह बताने के लिए कहा था कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अभी तक क्या किया और संस्थान जब से बना है तब से 31 मार्च 2023 तक इस पर कितना खर्च हुआ। कोर्ट ने इसका वर्षवार विवरण पेश करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने कहा कि बिना लोकायुक्त की नियुक्ति और बिना कोई काम किए, इस संस्था को आवंटित 36 करोड़ 95 लाख रुपए में से 29 करोड़ 73 रुपए खर्च भी कर दिए हैं। इसके अलावा संस्था में 24 कार्मिकों को भी नियुक्त किया गया है. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है।

यह भी पढ़ें 👉  होम स्टे बन रहे हैं लोगों की आजीविका के प्रमुख साधन
Latest News -
Continue Reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

VIDEO ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top