Connect with us

राहतः अब नहीं लगाने पड़ेंगे पिथौरागढ़ के चक्कर, मुनस्यारी में हो सकेगी ये जांचे…

उत्तराखंड

राहतः अब नहीं लगाने पड़ेंगे पिथौरागढ़ के चक्कर, मुनस्यारी में हो सकेगी ये जांचे…

कुमांऊ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था को चाकचौबंद करने के लिए एक नयी व्यवस्था बनाई गई है। अब मुनस्यारी वालों को जांच के लिए 130 किमी की दौड़ लगाकर पिथौरागढ़ नहीं जाना पड़ेगा। स्वास्थ्य केंद्र में हाथों हाथ 13 जांचें हो रही है।शेष चार जांचो के लिए एक प्राइवेट लैब के साथ इकरार भी किया गया है। एक्सरे के लिए भी अब कहीं नहीं जाना पड़ेगा।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की अध्यक्षता में स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ गौरव कुमार की उपस्थिति में बैठक हुई। बैठक में जिपं सदस्य मर्तोलिया ने स्वास्थ्य केंद्र की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर एक नयी व्यवस्था को आगामी सोमवार से लागू करने का खांका तैयार किया। बैठक में तय किया गया है कि रोज ओपीडी में दो डाक्टर मरीजों को देखेंगे। जिसमें एक महिला डाक्टर अवश्य बैठेगी।

यह भी पढ़ें 👉  काम की ख़बर: अगर आप टैक्सपेयर हैं तो यह ख़बर आपके लिए ही है...

तय किया गया है कि बाजार से न अनावश्यक जांचें की जायेगी न ही दवाईयां लिखी जायेंगी। टीकाकरण के लिए कुछ नये स्थानों को चिन्हित कर एक नया रोस्टर बनाया जा रहा है कि जिसके लागू होते ही बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 जांचो की रिपोर्ट वनडे मिलेगी।  शेष की रिपोर्ट तीन से चार दिन में मिलने की व्यवस्था की गई है। एक्सरे टैक्नीशियन के आने के बाद पांच साल के बाद स्थानीय लोगों के एक्सरे भी होने लग गये है। बैठक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए एबीजी सहित कुछ यंत्रों को क्रय करने का निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया है कि गांव गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर बच्चो के साथ अन्य मरीजो का हैल्थ कार्ड बनाकर उनके उनका डाटाबेस तैयार किया जायेगा।

यह भी पढ़ें 👉  आत्महत्या: टिहरी झील मे कूद गई महिला, मौत, कारणों का पता लगा रही पुलिस...

जिपं सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि हम सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को आम जनता के लिए आसान बनाने के लिए इस तरह के नायाब प्रयोग कर रहे है। मर्तोलिया ने कहा कि निरीक्षण के दौरान दो लिपिको के द्वारा अपना कार्यालय पिथौरागढ़ सीएमओ कार्यालय में नियम विरुद्ध चलाने की जानकारी मिली है। एक सप्ताह के भीतर लिपिको के तैनाती स्थल पर स्थायी तैनाती हो,नहीं तो आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचेगा।

यह भी पढ़ें 👉  अलर्ट: मानसून की विदाई से पहले मूसलाधार बरसात का अलर्ट…
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top