Connect with us

हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने जारी किया इनकी बहाली का आदेश, समर्थकों में खुशी की लहर…

उत्तराखंड

हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने जारी किया इनकी बहाली का आदेश, समर्थकों में खुशी की लहर…

Uttarakhand News: चमोली के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रजनी भंडारी को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट नैनीताल के आदेश के बाद सरकार को रजनी की बर्खास्तगी का आदेश निरस्त कर नया आदेश जारी करना पड़ा है। जिसके बाद अब बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी के पद पर बहाल हो गई है। शासन के आदेश के बाद उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चमोली की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने सरकार द्वारा बर्खास्त किए जाने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। जिस पर 31 जनवरी को उत्तराखंड हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई की। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रजनी भंडारी को पद पर बने रहने का आदेश दिया था। जिसके बाद अब शासन की ओर से उनकी बहाली के आदेश जारी किए गए हैं। अब वह पुनः चमोली जिला पंचायत का अध्यक्ष पद संभालेंगी।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून में जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

गौरतलब है कि रजनी भंडारी पर वर्ष 2012-13 में विश्व प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि उन्होंने दायित्वों का उचित निर्वहन नहीं किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया। जबकि इस मामले में कोई प्रारंभिक जांच तक नहीं हुई और न ही सरकार ने इस मामले में कोई जांच कराई। पूर्व जिला अध्यक्ष रजनी भंडारी ने याचिका में सरकार द्वारा 25 जनवरी को उन्हें पद से बर्खास्त करने के आदेश पर रोक लगाने और बहाली की मांग की थी।

यह भी पढ़ें 👉  महानगर व्यापार मंडल की संयुक्त व्यापार एकता मंच की बैठक आयोजित की गई

भंडारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पैरवी की। उन्होंने अदालत को बताया कि रजनी भंडारी को हटाने से पूर्व पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। जांच में भी पंचायती राज नियमावली का उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह निर्वाचित पदाधिकारी हैं और उन्हें राजनीतिक विद्वेष के चलते हटाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  नंदा राजजात यात्रा 2026 की तैयारियों हेतु बैठक सम्पन्न
Latest News -
Continue Reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

VIDEO ADVERTISEMENT

ट्रेंडिंग खबरें

To Top