उत्तराखंड
यूपीसीबी द्वारा 1724 उद्योगों की एनओसी रद्द, लाखों कर्मी हो सकते है बेरोजगार…
Uttarakhand News: उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) द्वारा 1724 उद्योगों की एनओसी रद्द कर दी गई है। जिसके आदेश जारी होने से हड़कंप मच गया है। तो वहीं लाखों कर्मियों को नौकरी जाने का खतरा सता रहा है। बोर्ड की कार्रवाई पर औद्योगिक संगठन ने हाईकोर्ट का रुख किया हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में 1700 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की हड़बड़ाहट का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े छोटे-बड़े 1724 उद्योगों की एनओसी रद्द करने का आदेश जारी किया था।
बोर्ड की इस कार्रवाई से लाखों कामगारों के सिर पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। इससे उद्योगों और कामगारों में हड़कंप की स्थिति थी। उद्योगपति और कामगार संगठन लगातार सरकार पर राहत के लिए दबाव बना रहे हैं तो वहीं हाईकोर्ट भी पहुंच गए है। दूसरी ओर सरकार ने एनओसी रद्द करने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि को पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक को बोर्ड में सदस्य सचिव के तौर पर अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है।
गौरतलब है कि मामला प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े प्रोड्यूसर्स, ब्रांड ओनर और इंपोर्टर्स से जुड़ा है। इसके तहत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एक्ट के तहत इन इकाइयों को न केवल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विकसित पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है बल्कि ईपीआर यानी एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी में एक्शन प्लान जमा करना भी आवश्यक है।
बताया जा रहा है कि राज्य में सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों की तरफ से अब तक ईपीआर में एक्शन प्लान जमा नहीं किया गया है। ऐसे में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से यह कार्रवाई हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद की गई है, जिसमें 15 दिनों के भीतर औद्योगिक इकाइयों द्वारा रजिस्ट्रेशन या एक्शन प्लान नहीं देने की स्थिति में उन्हें बंद करने के लिए कहा गया।