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हरकोट ग्राम पंचायत में “धरती आधा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत बहुविभागीय शिविर का आयोजन

उत्तराखंड

हरकोट ग्राम पंचायत में “धरती आधा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत बहुविभागीय शिविर का आयोजन

बागेश्वर: सरकार द्वारा चलाए जा रहे “धरती आधा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत जिलाधिकारी आशीष भटगांई के निर्देशानुसार विकासखंड कपकोट की हरकोट ग्राम पंचायत में विशेष बहुविभागीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर का उद्देश्य जनजातीय बहुल क्षेत्रों में शासन की योजनाओं की सीधी पहुंच और लाभ प्रदान करना है। शिविर में जिला स्तरीय समस्त विभागों ने सहभागिता की और अपनी योजनाओं से जनसामान्य को लाभान्वित किया।

मंगलवार तक जिला पूर्ति कार्यालय द्वारा शिविर में 18 नए राशन कार्ड बनवाने हेतु विवरण प्राप्त किया गया। बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत दो आवेदन पत्र प्राप्त किए गए।

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शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि समस्त छात्र-छात्राओं को शत-प्रतिशत निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित कर दी गई हैं। जिन छात्राओं के खातों में आधार सीडिंग शेष है, उन्हें शीघ्र पूर्ण किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। विभाग ने यह भी अवगत कराया कि निःशुल्क गणवेश का वितरण भी पूर्णतया संपन्न हो चुका है।

चिकित्सा विभाग द्वारा 60 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं 48 लाभार्थियों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाने हेतु विवरण एकत्र किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा 25 पशुपालकों को योजनाओं से लाभान्वित किया गया तथा 138 पशुओं हेतु औषधियों का वितरण किया गया।

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लीड बैंक की ओर से 31 लाभार्थियों के आधार सीडिंग फॉर्म और 11 केसीसी फॉर्म भरवाए गए, साथ ही 38 लोगों के प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के आवेदन पत्र भी भरवाए गए।

पंचायती राज विभाग ने एक किसान पेंशन आवेदन प्राप्त किया तथा अन्य पेंशन योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा एवं एनआरएलएम से संबंधित योजनाओं की जानकारी लाभार्थियों को प्रदान की गई।

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इस शिविर द्वारा 7 दिन तक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। जिसमें विभिन्न विभागों की संयुक्त भागीदारी से ग्रामीणों को योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सकेगा। प्रथम दिन शिविर में 100 से अधिक ग्रामीणजन उपस्थित रहे, जिन्होंने शासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविर दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को सरकारी सेवाओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।

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