उत्तराखंड
देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन, आत्मदाह की दी चेतावनी
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार को बोर्ड के विरोध में चारधाम तीर्थ-पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने तय कार्यक्रम के अनुसार राज्य सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर धरना देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। तीर्थ-पुरोहितों शासकीय प्रवक्ता सुबोध पर उन्हें धमकाने का आरोप भी लगाया है। तो वहीं बोर्ड भंग न करने पर आत्मदाह देने की भी चेतावनी दी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार तीर्थ-पुरोहित ने चेतावनी दी कि जबतक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा। यदि इसके बाद सरकार उनकी मांग नहीं मानती हैं तो वे ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर जल समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही 27 नवंबर को तीर्थ पुरोहितों देहरादून में काला दिवस मना कर रैली निकालेंगे। इतना ही नहीं तीर्थ पुरोहितों ने आज सीएम आवास का घेराव किया है तो वहीं कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने तीर्थ-पुरोहितों को आश्वानस दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और 30 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में ये मुद्दा उठाया जाएगा।
वहीं तीर्थ-पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने का कि कैबिनेट सुबोध उनियाल ने मीडिया की नजर में उनसे वार्ता की होगी, लेकिन उनकी सुबोध उनियाल से कोई वार्ता नहीं हैे। उन्होंने सुबोध उनियाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनसे बात करने बाहर जरूर आए थे, लेकिन वे उन्हें धमका कर फिर से अंदर चले गए। मंत्री सुबोध ने अपने घर के बाहर ब्राह्मणों का अपमान किया है। ऐसे में जब तक सरकार जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने का ऐलान नहीं करती है, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा और वे 27 नवंबर का दिन काला दिवस के रूप में मनाएंगे। बता दें कि 27 नवंबर 2019 को सरकार ने मंत्रिमंडल से देवस्थानम बोर्ड बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस दिन को चारों धामों के तीर्थपुरोहित व हकहकूकधारी काला दिन के रूप में मनाने का फैसला लिया था।