उत्तराखंड
अच्छी न्यूज़: डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के पत्रकारों को माना जायेगा अखबार के बराबर…
नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में डिजिटल मीडिया न्यूज प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सामने ला रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार इस उद्देश्य के लिए एक नया कानून लेकर आ रही है. इसका नाम द रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स बिल 2019 (The Registration of Press and Periodicals Bill 2019 ) होगा. ये बिल प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 (The Press and Registration of Books Act, 1867) के बदले में काम करेगा. प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 भारत में काम कर रहे प्रिंटिंग प्रेस और देश में छपने वाले अखबारों को कंट्रोल करता है. सूत्रों के अनुसार इस कानून के लागू होने के बाद इसका उल्लंघन उस संस्थान/व्यक्ति को दंड का पात्र बना सकता है. कैबिनेट इस बिल पर जल्द ही चर्चा करेगा. इस बिल में प्रस्ताव है कि डिजिटल न्यूज पोर्टल को समाचारपत्रों के बराबर माना जाए. इसके अनुसार डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास पंजीकृत करने के लिए कहा जा सकता है. प्रेस रजिस्ट्रार जनरल अभी मौजूद रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स इन इंडिया के बराबर अधिकार संपन्न होगा. बता दें कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स बिल का ड्राफ्ट लोगों के बीच बांटा था. इस बिल के अनुसार डिजिटल प्लेटफॉर्म का रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन आसान हो जाएगा.
बिल में डिजिटल मीडिया पर न्यूज को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि “डिजिटल फॉर्मेट में समाचार” जिसे इंटरनेट, कंप्यूटर या मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है और इसमें टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स शामिल हैं.
रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियॉडिक्ल्स 2019 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
1- इस विधेयक में बुक्स के पंजीकरण और उससे जुड़े मामलों से संबंधित मौजूदा प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव है.
2- विधेयक के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा घोषणापत्र प्रस्तुत करने की मौजूदा प्रक्रिया खत्म हो जाएगी.
3- इस विधेयक से केंद्र सरकार और राज्य सरकार समाचार पत्रों में सरकारी विज्ञापन जारी करने, समाचार पत्रों की मान्यता तय करने के लिए नियम बना सकेंगे.
4-इस बिल में ई-पेपर के रजिस्ट्रेशन के लिए एक आसान प्रणाली का प्रस्ताव है.
5- इस बिल में प्रकाशकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पीआरबी अधिनियम, 1867 के तहत मौजूद पहले के प्रावधान को खत्म करने का प्रस्ताव है.
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 चमोली टुडे न्यूज़ के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 चमोली टुडे न्यूज़ के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में बैठक ली
26 किमी रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र से अनुरोध- सीएम धामी
बागेश्वर में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, डीएम ने किया निरीक्षण
कांवड़ यात्रियों का ट्रक पलटा, तीन यात्रियों की मौत, मुख्यमंत्री धामी ने शोक संवेदना व्यक्त की
घोलतीर हासदा: श्रीनगर डैम से एक और शव बरामद, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई सात, पांच अभी भी लापता
