उत्तराखंड
उत्तराखंड में दो लोगों में एच-3एन-2 की पुष्टि, ये है इस वायरस के लक्षण और बचाव…
उत्तराखंड में इन दिनों मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में इस तरह के मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। प्रदेश में एच-3 एन-2 वायरस के मामलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में दो सैंपल में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई है। जिससे स्वास्थय विभाग में हड़कंप मच गया है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में बीती सात मार्च को एच3 एन2 वायरस के दो मरीजों की पुष्टि हुई है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने एच3 एन2 वायरस मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अधिकांश मरीज ओपीडी में इलाज करवा रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर भर्ती किया जा रहा है। वहीं, निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन 50 से अधिक बुखार के मरीज उपचार को पहुंच रहे हैं। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर लगातार लगातार मानटिरिंग भी की जाएगी। इस बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
एच-3एन-2 के लक्षण
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुख़ार, कफ़, मितली, उल्टी, गले में दर्द, शरीर में दर्द, थकान, आंतों में सूजन के साथ ख़ूनी दस्त के साथ ही अगर सांस लेने में तकलीफ़ या लगातार बुख़ार, सीने में दर्द, खाने में तकलीफ़, चक्कर जैसी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वहीं जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ अवधेश सोनी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में एडवाइजरी जारी हो गई है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को इस संबंध में अवगत कराते हुए संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने के लिए कहा गया है। इनके सैंपल जांच के लिए ग्वालियर भेजे जाएंगे।
संक्रमण रोकने मास्क पहने, हाथ धोते रहें
स्वास्थ्य विभाग की ओर संक्रमण रोकने के लिए जो सलाह जारी की गई है, उनमें ज्यादातर बिंदु वही है जो कोरोना महामारी रोकने के लिए बताए गए थे। लोगों को अपील की गई है कि वे इस मौसम में फेस मास्क का उपयोग करें। साबुन से हाथ धोएं। भीड़भाड़ से बचे। छींकते वक्त मुंह, नाक को ढंके। आंख नाक छूने से बचे और पानी खूब पीएं।