उत्तराखंड
नन्दा गौरा योजना में फर्जीवाड़ा, डीएम ने दिए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश…
उत्तराखंड के हरिद्वार से बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि नन्दा गौरा योजना के प्रथम तथा दितीय चरण के अन्तर्गत आवेदनकर्ताओं द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र संलग्न कर योजना में फर्जी तरीके से लाभ प्राप्त करने की शिकायतों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामले में आय प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच में धांधली का बड़ा खुलासा हुआ है। डीएम ने जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों को ऐसे आवेदनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये है।
बताया जा रहा है कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत जनपद में प्रथम चरण-बालिका के जन्म पर, कुल 1328 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, जिनके प्रमाण पत्रों की गहराई से जांच की गयी, तो पाया गया कि उनमें से 70 आवेदन पत्र ऐसे थे, जो आय प्रमाण पत्र की दृष्टि से फर्जी पाये गये। इसी तरह नन्दा गौरा योजना के ही द्वितीय चरण-इण्टर पास के अन्तर्गत कुल 4174 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे, जिनकी अच्छी तरह से जांच करने पर 123 ऐसे आवेदन पत्र पकड़ में आये, जिनके आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गयी थी। इस प्रकार नन्दा गौरा योजना के प्रथम तथा द्वितीय दोनों चरणों के आवेदनों की गहनता से जांच करने पर कुल 193 आय प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये, जिसके कारण ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन को शनिवार को विकास भवन रोशनाबाद में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल ने आय प्रमाण पत्रों की जांच के लिये दिये गये निर्देशों के क्रम में जांचोपरान्त अपनी रिपोर्ट सौंपी। मुख्य विकास अधिकारी ने तुरन्त दूरभाष के माध्यम से यह जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को साक्षा की, जिन्होंने तुरन्त ऐसे आवेदनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुये एफआईआर दर्ज करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
प्रतीक जैन ने आय प्रमाण पत्रों में इस तरह के फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे उनके विभागों की जो भी इस तरह की जनहितपरक योजनायें गतिमान हैं, उनमें विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रमाण के तौर पर संलग्न किये जाने वाले प्रमाण पत्रों-आय, जाति, स्थाई निवास आदि की अच्छी तरह से जांच-परख कर लें अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी द्वारा लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उन्हें कई स्रोतों से यह भी जानकारी मिली है कि कतिपय कॉमन सर्विस सेण्टर(सी0एस0सी0) द्वारा सरकारी योजनाओं के लिये जारी किये गये विभिन्न प्रमाण पत्रों में हेराफेरी करके जरूरत के अनुसार उनमें बदलाव किया जा रहा है, जो गैर-कानूनी की श्रेणी में आता है, ऐसे सीएससी जो इस तरह के कृत्य में लिप्त पाये जायेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी।