उत्तराखंड
देहरादूनः 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 47 केंद्रीय विद्यालयों ने लिया भाग…
देहरादून। केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर में संभागीय स्तर की 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्दघाटन बड़े धूमधाम से हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. रेनु सिंह निदेशक एवं उपकुलपति, एफआरआई यूनिवर्सिटी व विशिष्ट आमन्त्रित अतिथि कर्नल गगन आनंद , ले० कर्नल सौरभ मैथानी व प्राचार्य बसंती खम्पा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया।
अपने संबोधन में मुख्य अथिति डॉ रेनू सिंह ने कहा बच्चों को आज के समय में पर्यावरण की रक्षा करते हुए प्रकृति को संजोने के प्रयास करने चाहिये। तभी हम ग्लोबल वार्मिंग को रोककर अच्छा एवं स्वस्थ जीवन जी सकते है। विशिष्ट अतिथि कर्नल गगन आनंद ने शिक्षकों को आह्वान किया कि बच्चे के मन की जिज्ञासा को शांत ना होने दे बल्कि अवसर प्रदान कर उसे एक नई अनुभूति एवं अविष्कार का अवसर प्रदान करें।
शुभारंभ अवसर पर वंदना एवं स्वागत गीत के साथ गोर्खाली नृत्य तथा विधुत की बचत पर आधारित प्रेणादायक मूक अभिनय नाटक प्रस्तुत किया गया। बाल विज्ञान कांग्रेस कार्यक्रम में 47 केंद्रीय विद्यालयों के 103 छात्र- छात्राओं के साथ 44 अनुरक्षको ने भाग लिया।
इस बाल विज्ञान कांग्रेस में बच्चों ने अपने परितंत्र को जानो, स्वास्थ्य पोषण और कल्याण को प्रोत्साहन देना, पारितंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाएँ , आत्मनिर्भरता के लिए पारितंत्र आधारित दृष्टिकोण एवं
पारितंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार पांच उपविषय पर अपनी परियोजना को निर्णायक मंडल की 15 सदस्यीय समिति के समुख प्रस्तुत किया।
निर्णायक मंडल द्वारा उत्तम प्रतिभाओं का चयन करके राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बाल विज्ञान कांग्रेस के लिये प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा। कार्यक्रम का सफल संचालन गुँजन श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन श्विदुषी नैथानी ने किया !
इस अवसर पर उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग मीनाक्षी जैन , सहायक आयुक्त सुकृती रेवानी, विद्यालय प्रबंध समिति के नामित अध्यक्ष ले.कर्नल सौरभ मैथानी, प्राचार्य बसंती खम्पा, मुख्यअध्यापिका आरती उनियाल ,सीमा श्रीवास्तव, मनीषा धस्माना, उर्मिला बामरु , पूनम शर्मा, दीपमाला, देवेंद्र सिंह, विनय कुमार, राजेश बिष्ट, एस डी मीणा, पी के थपलियाल, एम एस रावत , गौरव कांत, वर्षा खत्री , सरिता बिष्ट, मंजू शर्मा एवं अनुज कुमार आदि शिक्षक उपस्थिति थे !