Connect with us

उत्तराखंड में अनियमित बिजली आपूर्ति और बढ़े बिलों पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा…

उत्तराखंड

उत्तराखंड में अनियमित बिजली आपूर्ति और बढ़े बिलों पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा…

Uttarakhand News: उत्तराखंड में अनियमित बिजली आपूर्ति और बढ़े बिलों को लेकर उत्तराखंड में देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में भी बार बार बिजली गुल हो रही है। ऐसे में छोटे उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है। व्यवस्थाओं को ठीक करने की बजाय सरकार सिर्फ बिजली के रेट बढ़ाकर आम लोगों को लूटने का काम कर रही है। उद्यमी परेशान हैं। आमजन परेशान हैं, वहीं डबल इंजन की सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है।

लालचंद शर्मा ने कहा कि इन दिनों ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा, जिस दिन बार बार बिजली गुल ना हुई हो। वहीं, व्यवस्थाओं को दुरस्त नहीं किया जा रहा है। राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के कार्यों के चलते सड़कों का चौड़ीकरण या अन्य कार्य किया गया, लेकिन सड़कों से बिजली के पोल तक नहीं हटाए गए हैं। साथ ही नगर निगम भी पथ प्रकाश व्यवस्था को ठीक करने में नाकाम साबित हो रहा है। बार बार बिजली जाने से कुटीर उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में विकास योजनाओं एवं जन कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की

उन्होंने कहा कि राजधानी देहरादून में उद्यमी भी परेशान हैं। पिछले बाईस सालों में सेलाकुई औद्योगिक हब को अपना 220 kva का बिजली घर नहीं मिल पाया है। 15 किलोमीटर लम्बी बिजली लाइन जंगल व कई नदीयों के रास्तों से गुजर कर इस क्षेत्र में पहुंच रही है। ये लंबी लाइन बार बार क्षतिग्रसत हो जाती है। ऐसे में बार बार इस समस्या से कारोबारियों को जूझना पड़ रहा है। साथ ही इसका असर 250 औद्योगिक इकाइयों पर पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में 220 kva का बिजली घर सात साल से स्वीकृत है। इसके बावजूद इस पर कार्य एक ईंच तक नहीं हो पाया है। ऐसे में यहां से औद्योगिक इकाइयों के पलायन करने का भी खतरा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार सिर्फ भाषणों में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात करती है। हकीकत में स्थिति कुछ और है।

यह भी पढ़ें 👉  मुंबई टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 25 रनों से हराया, टेस्ट सीरीज 3-0 से जीती

उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश में सभी उपभोक्ताओं (बीपीएल को छोड़कर) के लिए बिजली फिर महंगी हो गई है। इस साल तीन बार बिजली के रेट बढ़ गए हैं। पहले एक अप्रैल से 2.68 प्रतिशत की वृद्धि बिजली दरों में हुई। इसके बाद ऊर्जा निगम की पुनर्विचार याचिका में आयोग ने दरों में 3.85 प्रतिशत की और वृद्धि कर दी। अब फिर दरें बढ़ा दी गईं। हाल ही में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (एफसीए) की दरें जारी कर दी हैं।

उन्होंने कहा कि आयोग ने एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के लिए एफसीए की दरें घोषित की हैं, जिनमें घरेलू उपभोक्ताओं से 10 पैसे, सरकारी संस्थानों से 14, कॉमर्शियल से 15 पैसे, प्राइवेट ट्यूबवेल से पांच पैसे, कृषि गतिविधियों से छह पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त वसूली की जाएगी। वहीं, एलटी उद्योगों से 14 पैसे, एचटी उद्योगों से 14 पैसे वसूला जाएगा। यह जुलाई-सितंबर के बीच के एफसीए से सात पैसे अधिक है।

यह भी पढ़ें 👉  भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने अप्रेंटिस के पदों पर निकाली भर्ती, जल्दी करें आवेदन…

लालचंद शर्मा ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश का दावा करने वाली उत्तराखंड सरकार अपने ही बिजली उपभोक्ताओं को लगातार लूट रही है। कई दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में महंगी बिजली दी जा रही है। इससे आमजन बिजली के बिल के रूप में अतिरिक्त भार पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रसोई से लेकर हर जरूरत की वस्तुओं के दाम आसामन छू रहे हैं। महंगाई की मार से लोग जूझ रहे हैं। ऐसे में बिजली में भी राहत ना देकर सरकार ने उपभोक्ताओं को बता दिया कि इसी अच्छे दिन की बात प्रधानमंत्री मोदीजी किया करते थे। अब जनता इसे समझ रही है। आने वाले दिनों में जनता ही बीजेपी की सरकारों को सबक सिखाएगी।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top