उत्तराखंड
उत्तराखंड में बीएड कॉलेजों से जुड़ी बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर लगाई मुहर…
उत्तराखंड के बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) के कॉलेजों के लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न दे और BEd Seats बढ़ाने की मंजूरी भी न देने के फैसले को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि बीएड कॉलेज बेरोजगारी बढ़ा रहे हैं। वैकेंसी से कई गुना ज्यादा स्टूडेंट्स हर साल डिग्री हासिल कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के बीएड कोर्स कराने वाले कॉलेजों को मान्यता नहीं देने के 2013 के फैसले को बरकार रखा है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने इस फैसले को इस आधार पर बरकरार रखा कि कोर्स पास करने वाले 13,000 छात्रों के मुकाबले सालाना केवल 2500 शिक्षकों की ही आवश्यकता होती है। जिसके बाद अब नए B.Ed Colleges को मान्यता देने पर रोक लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार ने 16 जुलाई 2013 को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न देने की बात कही थी। जिसपर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की उत्तरी क्षेत्रीय समिति को पत्र भेजा था। जिसमें एनसीटीई से अपील की थी कि वह राज्य में नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न दे और BEd Seats बढ़ाने की मंजूरी भी न दे।
सरकार के इस फैसले के विरोध में कॉलेजों ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिसे हाई कोर्ट ने सरकार की मनमानी बताते हुए रद्द कर दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी थी। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘राज्य सरकार के फैसले को मनमाना नहीं कहा जा सकता, जैसा कि उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है। सरकार ने फैसले के पीछे जो कारण बताए हैं, उनके मद्देनजर मौजूदा अपील मंजूर की जाती है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 चमोली टुडे न्यूज़ के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 चमोली टुडे न्यूज़ के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ की कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने एक पेड़ मॉं के नाम अभियान के तहत किया पौधारोपण
देहरादून: 11 अति व्यस्त जंक्शनों पर भी नवीन ट्रैफिक लाइट का कार्य भी हुआ पूर्णः जल्द होंगी समर्पित
मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ की कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा
डीएम ने पकड़ा भीषण खेल, एक ही व्यक्ति ने गुमराह कर दो बार विक्रय कर दी टिहरी बांध प्रभावितों को भूमि
