Connect with us

शीतकालीन सत्र में राज्यसभा से 12 सांसद निलंबित, विपक्ष ने कल बुलाई बैठक

उत्तराखंड

शीतकालीन सत्र में राज्यसभा से 12 सांसद निलंबित, विपक्ष ने कल बुलाई बैठक

दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार पहले दिन ही एक्शन में दिखाई दी। पिछले मॉनसून सत्र में हंगामा करने के मामले में राज्यसभा से कांग्रेस, शिवसेना और टीएमसी समेत पांच पार्टियों के 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने विपक्ष को आगाह भी किया है कि इस बार शीतकालीन सत्र में संसद भवन में आचरण और मर्यादा तोड़ने वाले सांसदों पर इसी प्रकार का का एक्शन लिया जाएगा । हालांकि विपक्ष ने 12 सांसदों को सस्पेंड करने के मामले में कड़ा एतराज जताया है। वहीं केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा) में पास करा लिया है । जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है, उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

यह भी पढ़ें 👉  धर्मसंसद: युवा धर्म संसद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने की शिरकत…

बता दें कि इन सांसदों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के चलते निलंबित किया गया है। उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी। राज्यसभा से निलंबित किए जाने पर शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि हमारा पक्ष जाने बिना कार्रवाई की गई है। वहीं दूसरी ओर संसद के शीतकालीन सेशन के पहले दिन ही कृषि कानून वापसी बिल दोनों सदनों में पास हो गया है। यह बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया। इसके तुरंत बाद ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच ही बिल राज्यसभा में पास हुआ।

यह भी पढ़ें 👉  हिमालय के संरक्षण को गठित होगी विशेष कमेटीः सीएम…

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्ष ने कल बुलाई बैठक–

निलंबन के बाद विपक्षी पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। इस बयान में विपक्ष ने 12 सांसदों के निलंबन के फैसले की निंदा की है और इसे अलोकतांत्रिक निलंबन करार दिया है। विपक्षी पार्टियों ने 12 सांसदों के निलंबन के फैसले पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को बैठक बुलाई है। कल आयोजित बैठक में विपक्ष आगे की रणनीति तय करेगा। कांग्रेस के राहुल गांधी ने कहा कि हमनें कहा था कि 3 काले कानूनों को वापस लेना पड़ेगा। हमें पता था कि 3-4 बड़े पूंजीपतियों की शक्ति हिंदुस्तान के किसानों के सामने खड़ी नहीं हो सकती और वही हुआ। काले कानूनों को रद करना पड़ा। राहुल गांधी ने आगे कहा कृषि कानूनों का निरस्त करना किसानों और मजदूरों की जीत है। सरकार को अब एमएसपी की मांग भी स्वीकार करनी चाहिए। इन कानूनों को जिस प्रकार से बिना चर्चा के रद किया गया वह दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हुई उनके बारे में चर्चा होनी चाहिए थी। दूसरी ओर राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि उन्होंने संसद में ऐसा माहौल कभी नहीं देखा जहां विपक्ष को बोलने की भी अनुमति नहीं दी गई। इतना महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में बिना किसी चर्चा के पारित हो गया।

यह भी पढ़ें 👉  जॉबः उत्तराखंड होमगार्ड भर्ती के मानकों में हुआ बदलाव,  परीक्षा संबंधी संशोधित विज्ञापन जारी…
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top